बुधवार, 8 अक्टूबर 2014

हवा में लड़ी जा रही वर्चुअल वल्र्ड की लड़ाई



त्योहारों के मौसम में रिटेल मार्केट का बड़ा हिस्सा कब्जा करने की ई-कॉमर्स कंपनियों की खींचतान अब बड़ी लड़ाई में तब्दील हो रही है। एक-दूसरे को मात देने की होड़ में कंपनियां कई बड़े और आकर्षक ऑफर पेश कर रही हैं। विज्ञापनों के जरिये शह-मात का खेल शुरू हो गया है लेकिन वास्तविकता में उपभोक्ताओं को इन ऑफर्स का लाभ मिलता नहीं दिख रहा है। हैप्पी कस्टमर्स की बजाय शिकायत और आलोचना करने वालों की संख्या अधिक है। इस तरह रिटेल की लड़ाई वर्चुअल वल्र्ड में हवा में ही लड़ी जा रही है।
देश के बड़े शहरों के लोगों की सुबह ई-कॉमर्स कंपनियों की एक चौंकाने वाली लड़ाई से शुरू हुई। एक अखबार के आमने-सामने के पन्नों पर ऑनलाइन रिटेल के दो बड़े खिलाडिय़ों के ऐसे विज्ञापन थे जिन पर यकीन करना आसान न था। एक कंपनी का मोबाइल फोन सिर्फ एक रुपए का था तो दूसरी कंपनी उसका मजाक उड़ा रही थी। एक पेज पर फ्लिपकार्ट अपने ‘बिग बिलियन डे’ को शान से पेश कर रहा था तो सामने के ही पन्ने में स्नैपडील अपने अंदाज में उसे काट रहा था। स्नैपडील की ओर से प्रकाशित किया गया था-‘दूसरों के लिए यह भले ही बड़ा दिन हो लेकिन हमारे लिए रोजाना जैसी बात ही है।’ संदेश साफ था कि स्नैपडील पर खरीदारी करने वाले हमेशा अच्छी बचत करते हैं। फ्लिपकार्ट पिछले 10 दिनों से अपने ‘बिग बिलियन डे’ का प्रचार कर रहा था और प्रतिद्वंद्वी कंपनी स्नैपडील ने पहले से मुकाबले की जोरदार तैयारी कर ली थी। अमेजन ने भी दो दिन पहले से ही अपना सेल ऑफर ‘मिशन टू मार्स वीकेंड’ के नाम से शुरू कर दिया था।

फ्लिपकार्ट की वेबसाइट क्रैश

फ्लिपकार्ट ‘बिग बिलियन डे’ सेल सुबह आठ बजे से शुरू हुई। कंपनी ने 70 कैटेगरी में भारी छूट की पेशकश की थी। स्मार्टफोन और लैपटॉप पर 30 तो फैशन एवं पफ्र्यूम्स पर 50 प्रतिशत छूट दी गई थी। सबसे आकर्षित करने वाला था ‘क्रेजी डील्स’ का सेगमेंट जहां मोबाइल फोन और ब्लैंडर जैसी वस्तुएं 1 रुपए में उपलब्ध थीं। साथ ही सिटी बैंक और स्टैंडर्ड चार्टर्ड क्रेडिट कार्ड से खरीदारी करने वालों को 10 प्रतिशत कैशबैक का ऑफर था। सेल शुरू होने के थोड़े समय बाद ही कंपनी की वेबसाइट क्रैश हो गई। कई लोग अपना ऑर्डर प्लेस करने में नाकाम रहे तो कुछ लोग भुगतान के बाद भी खरीदारी नहीं कर पाए। काफी तादाद ऐसे लोगों की थी जो कार्ट में रखी गई वस्तुओं को बाद में देख ही नहीं पाए। नाराज लोगों ने ट्विटर पर जमकर भड़ास निकाली। कुछ लोगों का कहना था कि खरीदारी के बाद भी उनका ऑर्डर कैंसिल कर दिया गया और वजह बताई गई कि लिमिटेड स्टॉक होने के कारण सभी की मांग पूरी नहीं की जा सकती। कुछ लोगों का दावा था कि बड़ा ऑफर देने से पहले कंपनी ने गुपचुप तरीके से वस्तुओं की कीमतें बढ़ा दीं।

भविष्य की तैयारी

ई-कामर्स कंपनियों की यह लड़ाई भारतीय बाजार के अधिकतम दोहन के लक्ष्य को लेकर भी लड़ी जा रही है। भारतीय खुदरा बाजार में अभी ऑनलाइन व्यापार का हिस्सा केवल एक प्रतिशत है लेकिन आने वाले दिनों में इसके तेजी से विकास का अनुमान लगाया जा रहा है। शहरी मध्यवर्ग का विकास और इंटरनेट की उपलब्धता के साथ ही ऑनलाइन बाजार का विकास भी तेजी से होने की संभावना है। फॉरेस्टर रिसर्च का अनुमान है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में ई-कामर्स के सबसे तेज विकास भारत में ही होने वाला है और वर्ष 2012-16 में इसकी दर (सी.ए,जी.आर.) 57 प्रतिशत रहने की संभावना है।

10 घंटे में 600 करोड़

फ्लिपकार्ट के सह-संस्थापक सचिन बंसल तथा बिनी बंसल ने एक संयुक्त बयान में कहा कि हमारी वेबसाइट एक अरब बार देखी गई और हमने 24 घंटे में 10 करोड़ डालर (600 करोड़ रुपए) का माल बेचने का लक्ष्य केवल 10 घंटे में हासिल कर लिया। गुणवत्तापूर्ण उत्पादों एवं आकर्षक पेशकश के साथ हमने देश के ई-कारोबार में इतिहास रचा हैै।

नवोदय टाइम्स के 7 अक्तूबर 2014  के अंक में प्रकाशित खबर।

गुरुवार, 2 अक्टूबर 2014

बड़े जतन से जुटाए ओबामा के लिए दुर्लभ उपहार

1959 में राजघाट पर पुष्प अर्पित करते मार्टिन लूथर किंग और गीता की वह प्रति जो मोदी ने ओबामा को भेंट की।



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के लिए जो व्यक्तिगत उपहार ले गए हैं उनमें से एक बहुत ही प्रमुख और दुर्लभ है। यह हैं मार्टिन लूथर किंग की 1959 की भारत यात्रा के ऑडियो विजुअल क्लिप्स। मार्टिन लूथर किंग मानवतावादी अमरीकी पादरी और अफ्रीकी-अमरीकी नागरिक अधिकार आंदोलन की प्रमुख हस्ती थे।
ये ऑडियो विजुअल मिलना आसान नहीं था। इसके लिए आकाशवाणी के अभिलेखागार और सूचना मंत्रालय के फोटो प्रभाग को खंगाला गया और मिलने के बाद उसे भेंट योग्य बनाया गया। याद रहे कि मार्टिन लूथर किंग बिहार के जननेता जयप्रकाश नारायण के आमंत्रण पर बिहार के नवादा स्थित कौग्वा कौल में शेखोंदेवरा आश्रम आए थे। यह स्थान अंडमान की तरह पिछड़ा था। प्रधानमंत्री ने ओबामा को मार्टिन लूथर किंग के अन्य स्मृति चिह्न भी दिए जिनमें एक फोटो में मार्टिन लूथर किंग राजघाट पर नजर आ रहे हैं। इन्हें भी ओबामा को फ्रेम कर दिया गया। इसके अलावा बराक ओबामा के लिए महात्मा गांधी द्वारा लिखित पुस्तक गीता भी ले गए हैं। ओबामा विश्व की इन दोनों हस्तियों महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर किंग के बड़े प्रशंसक हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन के अनुसार, व्यक्तिगत स्तर पर वह गांधीजी द्वारा लिखी गई गीता के विशेष संस्करण की प्रति लाए। यह गांधीजी द्वारा की गई गीता की व्याख्या है। यह पुस्तक कई साल पहले प्रकाशित हुई थी। प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से इस पुस्तक के विशेष संस्करण का ऑर्डर दिया था। इसकी प्रतियां विशेष रूप से तैयार की गई थीं। उन्होंने कहा कि उन्होंने उन्हें कुछ अन्य निजी उपहार भी दिए। उन्हें मालूम था कि राष्ट्रपति ओबामा के मन में मार्टिन लूथर किंग के प्रति गहरा सम्मान है। ये सारी चीजें प्रधानमंत्री कार्यालय ने पहले से तैयार की थीं और आज राष्ट्रपति को भेंट की गईं।